बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है।तारीखों के ऐलान के बाद अब सबकी निज़रें टिकट बंटवारे पर लगी हैं।लोग जानना चाह रहे हैं कि उनके क्षेत्र से किस पार्टी का कौन सा उम्मीदवार होगा। एनडीए और महागठबंधन दोनों ने ही टिकट बंटवारे को लेकर बैठकें कर ली हैं। संभावना है कि जल्द ही सीट बंटवारे के साथ टिकट पर फैसला हो जाएगा। गठबंधन के सूत्रों के मुताबिक सभी दलों की सीटें चिह्नित हो चुकी हैं। जिसके कारण सबके एनडीए में भाजपा और जेडीयू के बीच कई दौर में मंथन हो चुका है।
शुक्रवार को चुनाव की घोषणा के साथ ही जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा था कि बहुत ही कम समय में सीटें तय होंगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि आपस में अभी बातचीत नहीं हुई है। पर, चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है और हमलोगों के पास बहुत कम समय बचा है। इसलिए जल्द ही सीट शेयरिंग हो जाएगी। भाजपा से हमारा आरंभ से ही अच्छा संबंध रहा है और इसमें कहीं कोई दिक्कत नहीं है।
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एनडीए सूत्रों की मानें तो जदयू-भाजपा के बीच सीटें चिह्नित की जा चुकी हैं। दोनों दलों की रणनीति इस प्रकार बनी है कि जहां जो मजबूत है, वहां उसके प्रत्याशी हों। निर्णय का आधार प्राय: 2010 का विधानसभा चुनाव ही दिख सकता है। हालांकि 2010 विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन में ये ही दोनों दल थे, कोई तीसरा नहीं था। तब जदयू ने 141 जबकि भाजपा ने 102 सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारे थे। अब जदयू के साथ पूर्व सीएम जीतनराम मांझी एनडीए से जुड़ चुके हैं और उन्हें जदयू कोटे से सीटें दी जाएंगी। जबकि लोजपा को भाजपा कोटे से सीटें मिलेंगी। गठबंधन में सीटों पर फैसले में अहम भूमिका जदयू और भाजपा की ही होने जा रही है।