बिहार का चुनावी दंगल चरम पर है इस बीच बीजेपी ने मैदान में अपनी ताकत मजबूत करने के लिए देवेंद्र फडनवीस को बिहार भेजा है… महाराष्ट्र में बीजेपी का विश्वास मजबूत करने वाले धुरंधर फडनवीस अब बिहार में कमल खिलाने की पूरी कोशिश में जुट गए हैं… देवेंद्र फडनवीस महाराष्ट्र की राजनीति का वो नाम है.. जिसने अपने पिता से राजनीति विरासत मिलने के बावजूद अपनी अलग पहचान बनाई.. देवेंद्र फडणवीस ने 90 के दशक में राजनीतिक के मैदान में कदम रखा और एक कामयाब नेता के तौर पर उभरे…जनता का दिल जीतने के बाद साल 2014 में फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने.. बीजेपी ने दोबारा फणडवीस पर अपना भरोसा जताया और 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में भी फडणवीस ने नागपुर साउथ वेस्ट सीट से चुनाव जीता… लेकिन शिवसेना की दगाबाजी के बाद सबकुछ उलटफेर हो गया… फडणवीस ने फिर भी हार नहीं मानी और महाराष्ट्र में रातोरात सत्ता का पूरा खेल पलट दिया.. 23 नवंबर 2019 को उन्होने दोबारा सीएम पद की शपथ ली। लेकिन उनका कार्यकाल सिर्फ 80 घंटे का रहा।.. इस बीच शिवसेना ने कांग्रेस एनसीपी के साथ सरकार बना ली… लेकिन फडणवीस विपक्ष में आकर भी महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार को हर मुद्दे पर घेरने और सही गलत पर आवाज उठाने से पीछे नहीं हटे।
देवेंद्र फडणवीस ने मेहनत कर हर वर्ग में अपनी पकड़ मजबूत की…गरीबों के हक के लिए शिवसेना सरकार को घेरा और उनकी आवाज उठाई… लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र में बिहार के फंसे कामगारों के साथ हुए बुरे बर्ताव पर भी फडणवीस चुप नहीं रहे… उन्होने शिवसेना सरकार को जमकर घेरा और काफी हद तक लोगों की मदद की… जिसका फायदा अब बीजेपी को बिहार चुनाव में मिल सकता है..
वहीं इस बार बीजेपी चुनाव में सुशांत सिंह राजपूत केस को भी मुद्दा बना सकती है क्योंकि सुशांत सिंह राजपूत के केस को राष्ट्रीय मुद्दा बनाने में फडणवीस का अहम रोल रहा है.. फडणवीस ने बार बार सुशांत केस की CBI जांच की मांग की थी… जिसे शिवसेना ने राजनीति बताया… लेकिन देवेंद्र फडणवीस लगातार सुशांत केस के मुद्दे पर अड़िग रहे… इस मुद्दे को लेकर फडणवीस ने काफी हद तक बिहार के लोगों प्रभाव डाला है यानी साफ फडणवीस राजनीति में काफी धुरंधर नेता माने जाते हैं… जिसका फायदा बीजेपी को बिहार चुनाव में मिल सकता है