दरभंगा । रैयाम थानाक्षेत्र स्थित फुलकाही गांव के किशोर की नृशंस हत्या मामले में वरीय पुलिस अधीक्षक बाबूराम गंभीर है। इस मामले में यहां के थानाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। एसएसपी ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में थानाध्यक्ष के स्तर पर जांच करने में लापरवाही की गई है। इस घटना के बाद क्षेत्र में उनका आचरण भी संतोषजनक नहीं पाया गया है। उनकी कार्यशैली भी संदिग्ध नजर आई है। इस मामले में उन्होंने समय रहते समुचित कार्रवाई नहीं की। अनुसंधान एवं सूचना संकलन में गंभीरता नहीं दिखाई। यदि समय से बेहतर तरीके से जांच की गई होती तो शायद नतीजे बेहतर आ सकते थे।
आठवीं का छात्र था अर्जुन
अर्जुन उत्क्रमित मध्य विद्यालय कोरियानी में आठवीं कक्षा का छात्र था। छह अगस्त की शाम करीब पांच बजे वह शौच करने की बात कह घर से निकला था। इसके बाद वह घर वापस नहीं लौटा। अगले दिन सुबह करीब छह बजे स्व. झा की पत्नी इंदिरा देवी जलावन घर के पल्ले को जैसे ही खोला आदमी का पैर एवं रक्त देख सन्न रह गईं। उन्होंने इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी। फिर यह सूचना जंगल के आग की तरह पूरे इलाके में फैली। अर्जुन अपने माता – पिता का इकलौता पुत्र था।
मामले में डॉग स्क्वायर्ड टीम ने जांच की। लेकिन, कोई सुराग नहीं मिल सका। इस मामले के पर्दाफाश करने के लिए थानेदार को दो दिनों का समय दिया गया। अनुसंधान में प्रगति होने की बात कही गई। इसे लेकर कुछ समय दिया गया। इस क्रम में पूछताछ के लिए गांव के रामदेव शर्मा, पत्नी आभा देवी सहित परिवार के कई लोगों को थाने ले जाया गया। इसमें रामदेव के अलावा सभी को 21 अगस्त की शाम छोड़ दिया गया। इसमें आभा देवी का शव दूसरे दिन घर में फंदे से झूलता हुआ मिला। इसे लेकर लोगों और स्वजनों ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाकर बवाल किया। थानेदार के खिलाफ आवेदन देन और निष्पक्ष जांच करने के आश्वासन पर पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया। लेकिन, देर रात में ही एसएसपी ने थानेदार को निलंबित कर दिया। फिलहाल राकेश कुमार सिंह की तैनाती कहीं नहीं की गई है।