2022 तक ‘सबके लिए घर’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण को 2016 में लॉन्च किया था… वहीं केंद्र सरकार ने ग्रामीण विकास मंत्रालय को प्रोजेक्ट लागू करने वाले सहयोगी के तौर पर अधिकार दिया गया। उस समय 2.95 करोड़ हाउसिंग यूनिट बनाने का लक्ष्य रखा गया था और प्रोजेक्ट को दो चरणों में लागू किया गया जिसका पहला चरण 2016-17 से 2018-19 तक 1 करोड़ यूनिट का लक्ष्य और दूसरे चरण यानी 2019-20 से 2021-22 में 1.95 करोड़ यूनिट का लक्ष्य तय हुआ था।
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बिहार विधानसभा चुनावों की विशेष सूचना जारी हो चुकी है। संसद के मानसून सत्र में अतारांकित प्रश्न के उत्तर में ग्रामीण विकास मंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत बिहार में बने घरों और FUND के STATUS के बारे में जानकारी दी। आंकड़ों के अनुसार, बिहार में 18 सितंबर तक 12,32,977 हाउसिंग यूनिट का निर्माण हुआ था। इसी के साथ केंद्र ने जिलावार आंकड़ा भी जारी किया, जिसके तहत अररिया जिले में 73,263, समस्तीपुर जिले में 72,242 और दरभंगा जिले में 70,624 घरों का निर्माण हुआ। वहीं, अरवाल जिले में केवल 4,954 यूनिट का निर्माण हो पाया।
मंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 2016-17 से 2020 तक बांटे गए फंड और इस्तेमाल किए गए फंड के बारे में भी जानकारी दी। वहीं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस साल बजट सत्र में लाभार्थियों के बारे में भी बताया था। लिखित उत्तर में उन्होंने कहा था कि 12 मार्च, 2020 तक ग्राम सभा द्वारा सत्यापित आंकड़ों के अनुसार, बिहार में 33,48,928 लाभार्थी परमानेंट वेट लिस्ट यानी PWL में है वहीं इनमें से 21,85,181 को आवंटन 2016-17 से 2019-20 तक किया जा चुका है। आवंटित घरों में 19,93,783 घरों की सहमती मिल चुकी है और 9,09,121 मकान पूरे हो चुके हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत लाभार्थियों का चयन सामाजिक, आर्थिक और जातीय जनगणना-2011 का आकलन करने के आधार पर किया गया था। गरीबों और दलितों को साथ ले कर चलने वाले प्रधानमंत्री की इस योजना से बिहार की जनता काफी खुश नज़र आ रहीं है